PM SVANidhi: स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने वाली ख़ास योजना! जानें क्या है पूरी योजना

PM SVANidhi योजना (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना) भारत सरकार द्वारा 2020 में शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य सड़कों पर विक्रय करने वाले छोटे व्यवसायियों, यानी सड़क विक्रेताओं को आसानी से कर्ज़ मुहैया कराना है, ताकि वे अपनी व्यवसायिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकें, जो COVID-19 महामारी के कारण प्रभावित हो गए थे।

योजना के प्रमुख बिंदु:

1. लोन की राशि: सड़क विक्रेताओं को ₹10,000 तक का कर्ज़ 1 वर्ष के लिए दिया जाता है, जो एक कार्यशील पूंजी के रूप में होता है।

2. ब्याज पर छूट: इस योजना के तहत, यदि लोन को समय पर चुकता किया जाता है, तो 7% वार्षिक ब्याज दर पर ब्याज सब्सिडी दी जाती है

3. चुकौती अवधि: लोन की चुकौती की अवधि 1 वर्ष होती है, और यह मासिक किस्तों में चुकता किया जाता है।

4. पात्रता: इस योजना का लाभ केवल सड़क विक्रेताओं, जैसे ठेलेवाले, रेहड़ी-पटरी वाले, और अन्य छोटे व्यापारियों को मिल सकता है, जो शहरी क्षेत्रों में काम करते हैं।

5. कोलैटरल की आवश्यकता नहीं: यह लोन बिना किसी संपत्ति सुरक्षा (कोलैटरल) के दिया जाता है, जिससे यह छोटे व्यापारियों के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

6. डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा: इस योजना के तहत विक्रेताओं को डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे कैशलेस लेन-देन कर सकें।

7. लोन की सुविधा: यह लोन विभिन्न बैंकों, एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों) और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से प्रदान किया जाता है।

योजना का उद्देश्य और लाभ:

आर्थिक सशक्तिकरण: इस योजना के जरिए सड़क विक्रेताओं को वित्तीय सहायता मिलती है, जिससे वे अपने व्यवसायों को फिर से शुरू कर सकते हैं और अपनी आजीविका को सुरक्षित कर सकते हैं।

डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा: विक्रेताओं को डिजिटल भुगतान के माध्यम से लेन-देन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो कैशलेस समाज की ओर कदम बढ़ाता है।

क्रेडिट लिंकज: यह योजना विक्रेताओं को एक क्रेडिट इतिहास बनाने में मदद करती है, जो भविष्य में बड़े लोन लेने के लिए सहायक हो सकता है।

PM SVANidhi योजना (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना) भारत सरकार द्वारा 2020 में शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य सड़कों पर विक्रय करने वाले छोटे व्यवसायियों, यानी सड़क विक्रेताओं को आसानी से कर्ज़ मुहैया कराना है, ताकि वे अपनी व्यवसायिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकें, जो COVID-19 महामारी के कारण प्रभावित हो गए थे।

योजना के प्रमुख बिंदु:

1. लोन की राशि: सड़क विक्रेताओं को ₹10,000 तक का कर्ज़ 1 वर्ष के लिए दिया जाता है, जो एक कार्यशील पूंजी के रूप में होता है।

2. ब्याज पर छूट: इस योजना के तहत, यदि लोन को समय पर चुकता किया जाता है, तो 7% वार्षिक ब्याज दर पर ब्याज सब्सिडी दी जाती है।

3. चुकौती अवधि: लोन की चुकौती की अवधि 1 वर्ष होती है, और यह मासिक किस्तों में चुकता किया जाता है।

4. पात्रता: इस योजना का लाभ केवल सड़क विक्रेताओं, जैसे ठेलेवाले, रेहड़ी-पटरी वाले, और अन्य छोटे व्यापारियों को मिल सकता है, जो शहरी क्षेत्रों में काम करते हैं।

5. कोलैटरल की आवश्यकता नहीं: यह लोन बिना किसी संपत्ति सुरक्षा (कोलैटरल) के दिया जाता है, जिससे यह छोटे व्यापारियों के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

6. डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा: इस योजना के तहत विक्रेताओं को डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे कैशलेस लेन-देन कर सकें।

7. लोन की सुविधा: यह लोन विभिन्न बैंकों, एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों) और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से प्रदान किया जाता है।

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