PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार द्वारा 2023 में घोषित की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य कारीगरों, शिल्पकारों, और छोटे व्यवसायियों को प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत उन लोगों को वित्तीय सहायता और कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जो पारंपरिक कारीगरी, शिल्प, और अन्य हस्तशिल्प कार्यों में लगे हुए हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य इन कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख उद्देश्य:
1. कारीगरों और शिल्पकारों का सशक्तिकरण: इस योजना के माध्यम से पारंपरिक कारीगरी के हुनर को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे कारीगरों और शिल्पकारों की आय में सुधार होगा और उन्हें एक स्थिर और सम्मानजनक रोजगार मिलेगा।
2. वित्तीय सहायता और तकनीकी सहायता: कारीगरों को उधारी, क्रेडिट सुविधा, और आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, उन्हें तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण भी मिलेगा।
3. नवीनतम उपकरणों और तकनीकी कौशल में सुधार: कारीगरों को आधुनिक उपकरणों और तकनीकों से परिचित कराया जाएगा ताकि वे अपनी उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार कर सकें।
4. आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम: यह योजना कारीगरों को स्वावलंबी बनाने और उनके व्यवसाय को मजबूत करने का प्रयास करेगी, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकें।
पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख लाभ:
1. प्रशिक्षण और कौशल विकास: इस योजना के तहत कारीगरों को नई तकनीकों, उपकरणों, और निर्माण प्रक्रियाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2. वित्तीय सहायता: कारीगरों को सस्ते ब्याज दर पर ऋण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने व्यापार को बढ़ा सकें और नये उपकरण खरीद सकें।
3. उपकरण और मशीनरी का वितरण: कारीगरों को आधुनिक और उन्नत उपकरण, जैसे कि सिलाई मशीन, वेल्डिंग मशीन, इत्यादि, प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ सके।
4. कारीगरों की सामाजिक स्थिति में सुधार: इस योजना के तहत कारीगरों को एक सम्मानजनक पेशेवर पहचान मिल सकेगी, जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक स्तर सुधार सकता है।
5. नौकरी और रोजगार के अवसर: इस योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे कारीगरों के परिवारों को भी लाभ होगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना के पात्र लोग:
कारीगर और शिल्पकार: वह लोग जो विभिन्न पारंपरिक कारीगरी, जैसे कि बढ़ईगीरी, लोहारगीरी, कुम्हारी, दर्जी, धुलाई, और अन्य हस्तशिल्प कार्यों में लगे हैं।
स्वयं सहायता समूह (SHGs): छोटे व्यवसायियों और स्वयं सहायता समूहों को भी इस योजना का लाभ मिल सकता है, यदि वे पारंपरिक कारीगरी से जुड़ी सेवाओं का संचालन करते हैं।
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग: विशेष रूप से गरीब और कमजोर वर्ग के लोग जिन्हें वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।योजना के तहत दी जाने वाली सुविधाएँ:
ऋण सहायता: कारीगरों को किफायती दर पर ऋण मिलेगा, जिससे वे अपनी कार्यशाला को बढ़ा सकेंगे और नए उपकरण खरीद सकेंगे।
वित्तीय सहायता: कारीगरों को अपनी कार्यशालाओं के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता मिल सकेगी, ताकि वे अपने व्यापार को बेहतर बना सकें।
आधुनिक उपकरणों का वितरण: कारीगरों को अपने काम को और बेहतर और कुशल बनाने के लिए उन्नत उपकरण और मशीनरी प्रदान की जाएगी।
योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया:
ऑनलाइन आवेदन: कारीगर इस योजना के तहत ऑनलाइन या संबंधित सरकारी कार्यालयों में आवेदन कर सकते हैं।
पंजीकरण: कारीगरों को योजना के तहत पंजीकरण करवाना होगा, जिससे वे सहायता प्राप्त कर सकें।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य भारतीय कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यह योजना उन्हें आधुनिक उपकरण, तकनीकी प्रशिक्षण, और वित्तीय सहायता प्रदान करने के द्वारा उनके व्यवसाय को बढ़ावा देती है। इससे पारंपरिक कारीगरी के व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा और कारीगरों की सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।