Government Scheme:किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra – KVP) योजना एक सरकारी बचत योजना है, जो भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत की गई है। यह योजना मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है जो एक निश्चित समय में अपनी निवेश राशि को दोगुना करना चाहते हैं। KVP में निवेश करने से आपको सुरक्षा के साथ-साथ एक निश्चित रिटर्न भी मिलता है, जो भारतीय पोस्ट ऑफिस और कुछ चयनित बैंकों के माध्यम से उपलब्ध होती है।
मुख्य विशेषताएँ:
1. निवेश राशि:
न्यूनतम निवेश: KVP में निवेश की न्यूनतम राशि ₹1,000 होती है, और इसमें निवेश राशि ₹100 के गुणांक में हो सकती है (जैसे ₹1,000, ₹5,000, ₹10,000 आदि)।
अधिकतम निवेश: इस योजना में निवेश की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है, आप जितना चाहें उतना निवेश कर सकते हैं।
2. मूल्य दोगुना करना:
Kisan Vikas Patra पर निवेश करने के बाद, आपकी निवेश राशि सात साल और आठ महीने में दोगुनी हो जाती है (इस अवधि के दौरान ब्याज दर के आधार पर)।
ब्याज दर सरकारी नीति के आधार पर तय होती है और समय-समय पर बदल सकती है। 2025 में यह ब्याज दर लगभग 7.0% वार्षिक हो सकती है, लेकिन यह हर तिमाही अपडेट होती है।
3. अवधि (Tenure):
KVP की योजना में आपको अपनी राशि को 8 साल, 4 महीने तक लॉक करना होता है, और इस अवधि में आपको ब्याज प्राप्त होता है।
ब्याज राशि हर साल कंपाउंड होती है (सालाना ब्याज पर ब्याज)।
4. ब्याज दर (Interest Rate):
वर्तमान में, KVP पर ब्याज दर 7% के आसपास हो सकती है (यह ब्याज दर हर तिमाही अपडेट हो सकती है)।
ब्याज दर हर 3 महीने में अपडेट होती है, जो बाजार के हालातों और सरकारी नीति पर निर्भर करती है।
5. लोन के लिए विकल्प:
आप KVP पर लोन ले सकते हैं। इस पर आपको लोन की राशि आपके निवेश का 75% तक हो सकती है।
ब्याज दर पर लोन का शुल्क लागू होता है और यह ब्याज दर कर्ज के हिसाब से बढ़ सकती है।
6. निकासी (Withdrawal):
इस योजना की मैच्योरिटी तक पूरी राशि निकलने से पहले आप KVP को आंशिक रूप से नहीं निकाल सकते।
हालांकि, कुछ परिस्थितियों में प्री-मैच्योर (अग्रिम) निकासी की अनुमति होती है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ शर्तों का पालन करना होता है, जैसे:
मालिक कीमृत्यु या अन्य अप्रत्याशित परिस्थितियाँ।
इस पर ब्याज दर में भी बदलाव हो सकता है।
7. कर लाभ (Tax Benefits):
KVP पर मिलने वाले ब्याज की आय पर टैक्स लगता है। हालांकि, यह योजना टैक्स बचत स्कीम के अंतर्गत नहीं आती है, क्योंकि इसमें टीडीएस (TDS) लागू नहीं होता है, लेकिन आपको अपनी आय का विवरण देना होगा।