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Rural Skill Development Scheme: ग्रामीण कौशल योजना योजना के लिए कैसे करें आवेदन, यहां जाने पूरी अपडेट - Bihar Board 25

Rural Skill Development Scheme: ग्रामीण कौशल योजना योजना के लिए कैसे करें आवेदन, यहां जाने पूरी अपडेट

Rural Skill Development Scheme: ग्रामीण कौशल योजना (Rural Skill Development Scheme) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देना है, ताकि वे अपने गांवों में ही रोजगार प्राप्त कर सकें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके। यह योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन और कौशल विकास को बढ़ावा देती है।

प्रमुख उद्देश्य:

1. ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना: यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को विभिन्न प्रकार के कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए बनाई गई है, ताकि वे कामकाजी कौशल विकसित कर सकें और रोजगार प्राप्त कर सकें।

2. स्वतंत्र रोजगार की दिशा में बढ़ावा: इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, ताकि वे स्वरोजगार या छोटे व्यवसाय शुरू करने में सक्षम हो सकें।

3. ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास: जब ग्रामीण युवा कौशल प्राप्त कर काम करने लगते हैं, तो इससे न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होता है।

प्रमुख विशेषताएँ:

1. कौशल प्रशिक्षण:

यह योजना ग्रामीण युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करती है, जैसे कि कृषि, हैंडिक्राफ्ट, निर्माण, ब्यूटी और पर्सनल केयर, कारपेंटरी, फिटिंग, बागवानी, इत्यादि।

2. प्रशिक्षण संस्थान:

प्रशिक्षण देने के लिए विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थान हैं। इन संस्थानों में प्रशिक्षण लेने के बाद युवा स्थानीय स्तर पर ही रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।

3. रोजगार सृजन:

इस योजना के तहत, प्रशिक्षित व्यक्तियों को विभिन्न सरकारी और निजी कंपनियों में रोजगार के अवसर मिलते हैं। इसके अलावा, उन्हें स्वरोजगार की भी संभावना मिलती है, जैसे कि छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए पूंजी और मार्गदर्शन।

4. आवश्यकता आधारित प्रशिक्षण:

प्रशिक्षण का कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की आवश्यकता के अनुसार तैयार किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, किसी विशेष गांव में कृषि आधारित कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि किसी अन्य क्षेत्र में निर्माण और संबंधित कौशल का प्रशिक्षण हो सकता है।

5. मूल्यांकन और प्रमाणन:

प्रशिक्षण के बाद, एक मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति का कौशल मापित किया जाता है। सफलतापूर्वक मूल्यांकन करने पर उन्हें एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है, जो उनकी योग्यताओं का प्रमाण होता है।

6. महिलाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन:

इस योजना में महिलाओं को विशेष रूप से प्राथमिकता दी जाती है। उन्हें कौशल प्रशिक्षण के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवार के आर्थिक विकास में भागीदार बन सकें।

योजना के लाभ:

1. नौकरी की सुरक्षा: कौशल प्रशिक्षण के बाद, ग्रामीण युवाओं को काम की तलाश में भटकने की जरूरत नहीं होती। उनके पास अपने कौशल के अनुरूप रोजगार के अवसर होते हैं।

2. आर्थिक सशक्तिकरण: प्रशिक्षित युवाओं के पास अपने गांव में या आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर होते हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है और वे अपने परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं।

3. स्वरोजगार के अवसर: कई बार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जिससे वे अपना खुद का व्यवसायशुरू कर सकते हैं, जैसे कि सैलून, छोटे पैमाने पर उत्पादन या निर्माण आदि।

4. समाज में बदलाव: जब युवा अपने कौशल के जरिए कामकाजी बनते हैं, तो समाज में एक सकारात्मक बदलाव आता है। यह योजना समाज में कौशल आधारित रोजगार को बढ़ावा देती है।

प्रशिक्षण क्षेत्र:

कृषि: कृषि के लिए विभिन्न कौशल, जैसे कि जैविक खेती, पशुपालन, मुर्गी पालन, कृषि यांत्रिकी आदि।

निर्माण: निर्माण क्षेत्र में युवाओं को भवन निर्माण, इंटीरियर्स, प्लम्बिंग, बिजली आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

हैंडक्राफ्ट और कला: ग्रामीण क्षेत्रों में हस्तशिल्प, कढ़ाई, वस्त्र निर्माण, आदि के लिए प्रशिक्षण।

आवश्यक सेवाएँ: ब्यूटी और पर्सनल केयर, जैसे कि सैलून सेवाएँ, हेयर स्टाइलिंग आदि।

ग्रामीण कौशल योजना का उद्देश्य यह है कि ग्रामीण युवा न केवल अपने लिए रोजगार प्राप्त करें, बल्कि वे अपनी कौशल क्षमता से अपने गांव और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकें। यह योजना देशभर में ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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