Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana: कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana – PMKSY) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि में पानी की उपलब्धता बढ़ाना और सिंचाई के बेहतर उपायों को लागू करना है। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए जल की अधिकतम और प्रभावी उपयोगिता को सुनिश्चित करने के लिए कई परियोजनाएँ और योजनाएँ शुरू की गई हैं। इसका मुख्य लक्ष्य “हर खेत को पानी” है।
मुख्य उद्देश्य:
1. सिंचाई प्रणाली का सुधार: किसानों को जल स्रोतों का बेहतर उपयोग करने के लिए उच्च गुणवत्ता की सिंचाई प्रणाली प्रदान करना।
2. सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ाना: कृषि के लिए जल की अधिकतम उपलब्धता सुनिश्चित करना ताकि सिंचाई की कमी से किसानों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
3. जल संरक्षण: जल संचयन और संरक्षण के उपायों को बढ़ावा देना ताकि जल की कमी की स्थिति से बचा जा सके।
4. कृषि उत्पादकता में वृद्धि: सिंचाई की प्रभावी तकनीकों के माध्यम से कृषि उत्पादन को बढ़ाना और किसानों की आय में सुधार करना।
PMKSY के प्रमुख घटक:
1. Accelerated Irrigation Benefit Programme (AIBP):
इस घटक के तहत, पहले से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य अधिकतम क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान करना है।
2. Har Khet Ko Pani:
इस घटक का उद्देश्य प्रत्येक खेत को सिंचाई के पानी से जोड़ना है। इसमें छोटे और मंझले किसानों के लिए सिंचाई योजनाएँ लागू की जाती हैं ताकि उनके खेतों को भी पानी मिल सके।
3. Per Drop More Crop:
इस घटक के तहत, सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) जैसे ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का प्रचार-प्रसार किया जाता है। इससे किसानों को जल की बचत होती है और कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है।
4. PMKSY – Watershed Development:
इस घटक का उद्देश्य जलाशयों और जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए कार्यक्रमों का कार्यान्वयन करना है। यह जलसंचयन की प्रणालियों को मजबूत करने के लिए तैयार किया गया है।
5. Strengthening of Irrigation Infrastructure:
इसके अंतर्गत सिंचाई प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाता है। इसमें पुराने जलाशयों की मरम्मत, नहरों और जलाशयों के पुनर्निर्माण की योजना शामिल होती है।
योजना के लाभ:
1. जल का बेहतर प्रबंधन: इस योजना के माध्यम से जल के बेहतर प्रबंधन से सिंचाई की कमी को दूर किया जा सकता है।
2. कृषि उत्पादकता में वृद्धि: सिंचाई की बेहतर व्यवस्था के कारण किसानों को अपनी फसल के लिए अधिक पानी मिलता है, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है।
3. जल संरक्षण: जल की बचत करने वाली सिंचाई प्रणालियों जैसे ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर के उपयोग से जल का संरक्षण किया जाता है।
4. आर्थिक लाभ: सिंचाई में सुधार होने से किसानों की उपज बढ़ती है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है।
5. सिंचाई क्षेत्र का विस्तार: योजनाओं के तहत बड़े और छोटे दोनों प्रकार के किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलता है, जिससे खेती के लिए अधिक क्षेत्र सिंचित होता है।
6. कृषि क्षेत्र का समग्र विकास: यह योजना न केवल सिंचाई प्रणालियों का सुधार करती है, बल्कि कृषि क्षेत्र में समग्र विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार करती है।
योजना की कार्यान्वयन प्रक्रिया:
1. वित्तीय सहायता: सरकार इस योजना के तहत किसानों और राज्य सरकारों को विभिन्न वित्तीय सहायता और अनुदान प्रदान करती है, ताकि सिंचाई सुविधाओं का विकास किया जा सके।
2. तकनीकी सहायता: किसानों को सूक्ष्म सिंचाई (ड्रिप और स्प्रिंकलर) के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया जाता है, ताकि वे बेहतर तरीके से जल का उपयोग कर सकें।
3. स्थानीय जल स्रोतों का पुनर्निर्माण: पुराने जल स्रोतों, नहरों और जलाशयों की मरम्मत और पुनर्निर्माण किया जाता है।
4. राज्य सरकार की भागीदारी: राज्य सरकारें इस योजना के कार्यान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाती हैं और उन्हें जलाशयों और सिंचाई प्रणाली के विकास के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। सिंचाई योजना (PMKSY) भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका उद्देश्य कृषि में सिंचाई के बेहतर प्रबंधन के माध्यम से किसानों को राहत प्रदान करना और उनकी आय में सुधार करना है। यह योजना जल संरक्षण, जलसंचयन और कृषि उत्पादकता में वृद्धि को बढ़ावा देती है, जिससे न केवल किसानों की स्थिति सुधरती है, बल्कि देश की कृषि विकास दर भी बढ़ती है।